पालघर में संतों की हत्या: हमलावरों को रोकने की कोशिश करने वाली सरपंच को मिल रहीं धमकियां, पुलिस सुरक्षा की मांग

मुंबई से सटे पालघर जिले के कासा पुलिस स्टेशन क्षेत्र अंतर्गत महाराष्ट्र और दादरा नगर हवेली बॉर्डर पर स्तिथ गडचिंचले गांव में दो संतों और उनके ड्राइवर की निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद जहां एक तरफ इस गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, वहीं गांव की महिला सरपंच चित्रा चौधरी ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है।


 


चित्रा चौधरी ने बताया कि जिस दिन संतों की हत्या हुई उस दिन वह वहां मौजूद थीं और काफी देर तक उन्होंने भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश भी। उन्होंने कहा, 'मैं संतों की पिटाई का विरोध करती रही, जिसके कारण वहां जमा लोग भड़क गए और मुझ पर हमला करने की कोशिश करने लगे। मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर घर के अंदर भागी। जिसके बाद मेरे घर पर पत्थर भी फेंके गए। अब मुझे और मेरे परिवार को मारने की धमकी मिल रही है। इसलिए मुझे और मेरे परिवार को पुलिस सुरक्षा दी जानी चाहिए।'


16 अप्रैल को हुई थी संतों की हत्या
आपको बता दें कि 16 अप्रैल की रात को पालघर में तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था, जिसमें 2 साधुओं और उनके ड्राइवर को सैकड़ों ग्रामीणों ने मिलकर मौत के घाट उतार दिया था। फिलहाल इस मामले में 110 लोगों के खिलाफ मुकदमा किया गया है, जिसमें 9 नाबालिग हैं।

पालघर में ड्रोन से तलाशी अभियान शुरू
पुलिस मामले में अभी सैकड़ों लोगों की तलाश कर रही है लेकिन इलाका घने जंगलों वाला होने के कारण पुलिस को इस तलाशी अभियान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब पुलिस ने ड्रोन की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया है। पुलिस को शक है कि आरोपी ग्रामीण जंगल मे छिप गए हैं।